Rumored Buzz on Shodashi

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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

The most revered between these would be the 'Shodashi Mantra', which is stated to grant the two worldly pleasures and spiritual liberation.

॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां

For anyone nearing the top of spiritual realization, the ultimate stage is described as a point out of entire unity with Shiva. Listed here, unique consciousness dissolves in the common, transcending all dualities and distinctions, marking the culmination with the spiritual odyssey.

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

The worship of Tripura Sundari can be a journey in the direction of self-realization, where by her divine attractiveness serves being a beacon, guiding devotees to the final word real truth.

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में click here भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

Her narratives are not simply tales but have a deeper philosophical meaning, reflecting the Everlasting fight concerning good and evil, plus the triumph of righteousness. The significance of Tripura Sundari extends beyond the mythological tales, influencing different aspects of cultural and spiritual lifestyle.

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